सरगुजा में शासकीय राशि का बंदर बांट, NGO ने महज कागजों में करा दीया प्रशिक्षण
सरगुजा - जिले मे प्रशिक्षण के नाम पर सरकारी राशि का बंदरबाँट करने का मामला सामने आया है,, NGO द्वारा फर्जी डाकुमेंट तैयार करके कागजो मे ही प्रशिक्षण कराया गया है, जिसकी शिकायत के करीब तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अब तक धांधली करने वाले NGO पर कोई कार्यवाही नहीं कर पाए है, और एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए दिखाई दे रहे है!
सरकार की योजना को लगा पलीता
दर असल पूरा मामला सरागुजा जिले के बतौली जनपद पंचायत के सलैया डीह गाँव का है जहा पर आदिवासी बाहुल्य गाँव मे महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाकर उनकी आर्थिक स्थित को मजबूत करने के उद्देश्य से गाँव के 34 हितग्राहियो को चिन्हाकित किया गया था,, और उन्हें लाख की खेती के लिए प्रशिक्षित करना था साथ ही उन्हें लाख बीज के अलावा टूल किट भी दिया जाना था, जिसके लिए आदिवासी विकास विभाग अंबिकापुर द्वारा वर्ष 2020 मे 2 लाख 72 हजार की प्रशाशकिय स्वीकृति प्रदान की गई थी,,
NGO ने तैयार किये फर्जी दस्तावेज
योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत को कार्य एजेंसी न बनाकर अंबिकापुर के NGO ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान को एजेंसी बना दिया गया था,, और NGO को करीब 1 लाख 63 हजार रुपये की अग्रिम राशि भी जारी कर दी गई थी,, लेकिन NGO द्वारा कार्य मे लीपापोती करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार करके शाशन की राशि का बंदरबाँट कर दिया गया, जिसकी शिकायत एक सामाजिक कार्यकर्त्ता ने तत्कालीन कलेक्टर से की थी, जिसके बाद मामले की जाँच की गई और NGO को दोषी ठहराते हुए अग्रिम राशि को वापस करने के लिए पत्राचारा भी किया गया, जिसके बाद NGO द्वारा आनन फानन मे गाँव मे सात दिन का प्रशिक्षण रखा गया जिसमे 34 हजार रूपये का नास्ते का बिल लगा दिया गया और कागजो मे ही प्रशिक्षण को 25 दिवस दर्शाया गया,,
ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान नामक NGO का कारनामा
मामले की पड़ताल के लिए जब मिडिया की टीम सलैया डीह गाँव के कुड़केल के महिला स्वम सहायता समूह की अध्यक्ष और सचिव से बात की तो उन्होंने बताया की उनके गाँव मे लाख की खेती से किसी को कोई आमदनी नहीं हुई है और एक बार लाख बीज लगाने के बाद NGO के कार्यकर्त्ता दुबारा गाँव मे नहीं आये,, और जब प्रशासन ने NGO से अग्रिम राशि वापस चाही तो NGO गाँव मे आकर मात्र सात दिन का ही प्रशिक्षण दिया है, और टूल किट के नाम पर महज तीन या चार सामग्री दी गई है वो भी सिर्फ चार या पांच हितग्राहियो को,,,,
कार्यवाही के बजाय एक दूसरे पर अधिकारी कर रहे दोषारोपण
मामले की शिकायत करीब तीन वर्ष पहले की गई थी लेकिन आज तक धांधली करने वाले NGO पर प्रशासन कोई भी कार्यवाही करने मे नाकाम साबित हो रहा है और अधिकारी अब एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए भी नजर आ रहे है,, वही जब इस मामले मे NGO संचालक से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा की आपको जो समाचार लगाना है लगाइये मेरे पास अभी टाइम नहीं है,, जिससे यह साफ जाहिर होता है की NGO संचालक को कहीं न कंही बड़ा संरक्षण प्राप्त है और यही वजह है की आज तक दोषी NGO पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है!!
शैलेन्द्र सिंह बघेल - सरगुजा
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